Internet Kya? hai | Internet के फायदे | Internet का Full Form जानें internet के फायदे internet ke fayde in hindi internet ke fayde or nuksan internet ke fayde in english internet ke fayde
दोस्तो आज के इस पोस्ट में हम Full Form of Internet – Internet का Full Form क्या है इसके बारे में बात करने वाले है और सिर्फ फुल फॉर्म के बारे में ही नहीं साथ ही हम इंटरनेट से जुड़ी और भी कई सारी जानकारी आज की आज की इस पोस्ट में हम लेने वाले है। जैसे कि Internet Kya? Hai , Internet का फुल फॉर्म क्या? है , Internet की खोज किसने की थी और इंटरनेट की खोज कैसे हुई और साथ ही इंटरनेट से जुड़ी और भी कई सारी जानकारियां हम आज की इस पोस्ट में लेने वाले है।
दोस्तो हम सभी लोग रोजाना अपने दिन भर में कितना इंटरनेट का इस्तेमाल करते है शायद ही हमारा कोई भी दिन ऐसा जाता होगा जिस दिन हम इंटरनेट का इस्तेमाल ना करते हो। हमें कोई भी जानकारी चाहिए होती है हम सबसे पहले उसे इंटरनेट के माध्यम से खोजने की कोशिश करते है इंटरनेट की वजह से हमारी कितनी सारी समस्याएं सॉल्व हो पाती है। आज के समय में हर किसी के पास में Smartphone के साथ – साथ 4G इंटरनेट भी है।
Internet Kya? hai
जिसकी मदद से हम अपने हजारों काम भी कर पाते है ऑनलाइन ही बहुत सारी सुविधाओं का लाभ भी ले पाते है। दोस्तो खुद सोचिए जब इंटरनेट का इतना ज्यादा चलन नहीं था तब हम छोटे छोटे कामों के लिए भी कितनी परेशानियां होती थी जैसे कि अगर हमें अपने बैंक से कुछ काम करना हो तो हम बैंक जाना होता था जो की अब हम इंटरनेट के माध्यम से अपने घर बैठ कर है कर सकते हो और ऐसी हजारों सुविधाएं हमें इंटरनेट की मदद से मिल पाती है।
आज हम बैंकिंग से लेकर शॉपिंग तक सब कुछ इंटरनेट की मदद से कर सकते है यहां तक कि अब हम मेडिसन यानी कि दवाइयां भी घर पर बैठे कर है मंगवा सकते है और तो और हम इंटरनेट के माध्यम से पैसे भी कमा सकते है बहुत सारी सुविधाए हमको इंटरनेट देता है।
लेकिन क्या आपको Internet Full Form के बारे में जानकारी है। Internet kya? hai यह जानकारी हैै क्या आपको इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है यह पता है। अगर नहीं तो आज के इस पोस्ट में इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है इसके बारे में जानकारी लेंगे तो चलिए जानते है इंटरनेट का Full Form क्या है?
Internet क्या? है | Internet का फुल फॉर्म क्या? है
Internet Full Form in Hindi
दोस्तो बात करे अगर इंटरनेट के फुल फॉर्म की तो दोस्तो इंटरनेट को “Interconnected Network” कहा जाता है। यह एक नेटवर्क सिस्टम है जो कि लाखो वेब सर्वर को आपस में कनेक्टेड यानी कि आपस में जोड़े रखता है। हिंदी में Internet का मतलब “अंतरजाल“ होता है इंटरनेट हजारों – लाखों कम्प्यूटरों का एक जाल है इसे हिंदी में अंतरजाल या फिर सामान्य भाषा में “महाजाल” भी कह सकते है।
Internet क्या? है
दोस्तो इंटरनेट एक दूसरे से जुड़े Computers का महाजाल है जो कि राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है। दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP / IP Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं। इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसलिए इसे World Wide Web या फिर वेब भी कहा जाता है।
Internet की खोज कैसे हुई?
दोस्तो बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल जरूर आयेगा कि आखिर इंटरनेट की खोज हुई तो हुई कैसे थी। तो दोस्तो कहते है आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। यह बात इन्टरनेट की खोज पर बिलकुल सही बैठती है। इन्टरनेट का इतिहास कोई बहुत ज्यादा पुराना नहीं है। सन 1960 में शीत युद्ध के दौरान गुप्त रूप से बहुत तेज गति से सूचनाओं के आदान प्रदान करने की आवश्यकता हुई।
इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर एक नेटवर्क की खोज हुई, जिसे आज हम इन्टरनेट के नाम से जानते है।
Internet की खोज किसने की थी
दोस्तो अब बात आती है कि आखिर इंटरनेट की खोज की किसने थी तो दोस्तो Internet का आविष्कार कर पाना किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं थी। इसे बनाने में बहुत से Scientist और Engineers की जरूरत लगी थी। सन 1957 में COLD WAR के समय, अमेरिका ने Advanced Research Projects Agency ( ARPA ) की स्थापना की जिसका उद्देश्य एक ऐसी Technology को बनाना था, जिससे की एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा जा सके।
सन 1969 में इस Agency ने ARPANET की स्थापना की। जिस से कि किसी भी कंप्यूटर को किसी भी Computer से जोड़ा जा सकता था। सन 1980 तक आते – आते उसका नाम Internet हो गया. Vinton Cerf और Robert Kahn ने TCP / IP Protocol को invent किया सन 1970s, और 1972 में, वहीँ Ray Tomlinson ने सबसे पहले Email Network को introduce किया।
भारत में Internet कब आया
भारत में इन्टरनेट की शुरुआत 14 अगस्त 1995 को हो गयी थी लेकिन सार्वजानिक रूप से इसे 15 अगस्त 1995 को “विदेश संचार निगम लिमिटेड” यानि VSNL द्वारा चालू किया गया था। तब इन्टरनेट का इस्तेमाल महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिए किया गया था और इसकी स्पीड मात्र 8-10 kbps थी।
जब भारत में इन्टरनेट की शुरुआत हुई थी तब इससे मात्र 20-30 कंप्यूटर ही जुड़े थे और इन्टरनेट कनेक्शन का खर्च भी बहुत ज्यादा था, और 9-10 kbps स्पीड के इन्टरनेट का मासिक खर्चा 500-600 रूपये के आसपास था, जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ही ज्यादा था.
जबकि आज के समय में इन्टरनेट प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में पहुँच चूका है और पढाई से लेकर व्यापार, चिकित्सा, तकनीक, सरकारी कार्यों इत्यादि तक में इन्टरनेट का प्रयोग होने लगा है।
Internet के फायदे
दोस्तो अगर हम बात करे इंटरनेट की मदद से होने वाले फायदों की तो दोस्तो इंटरनेट की मदद से हमें बहुत सारे फायदे होते है बल्कि आज कल तो ज्यादातर काम इंटरनेट की मदद से ही किए जा रहे है जैसे कि –
दोस्तो आज हम इंटरनेट के माध्यम से सभी तरह के Payments , Recharg , बिल के भुगतान आदि चीज़े आप ऑनलाइन ही इंटरनेट के माध्यम से कर सकते है।
Online Shopping – दोस्तो अभी तक अगर हमें शॉपिंग करनी होती थी या कुछ भी हमें खरीदना होता है तो हम मार्केट जाते है बाज़ार जाते है वहां जाकर हम सब कुछ खरीदते है लेकिन अब हम इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ही सब कुछ खरीद सकते है।
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